हलवा सेरेमनी के साथ ही पहले पेपरलेस बजट का काम शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि 1 फरवरी को जब निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी की लिमिट को हर हाल में बढ़ाया जाएगा. संभव है कि इसे 1.5 लाख की वर्तमान लिमिट से बढ़ाकर 2.5 लाख कर कर दिया जाए. हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि इसकी लिमिट 3 लाख तक बढ़ाई जा सकती है. हालांकि इस सेक्शन का दायरा लिमिटेड किया जाएगा और लाभ लेने के लिए स्पेसिफिक सेक्टर्स पर खर्च करने होंगे. ऐसे फैसलों से सरकार टार्गेटेड कंजप्शन में तेजी ला सकती है.
टैक्सपेयर्स के लिए डिडक्शन क्लेम करने का सबसे पॉप्युलर सेक्शन इनकम टैक्स एक्ट का 80सी है. इसकी वर्तमान लिमिट 1.5 लाख रुपए है. EPF, PPF, ELSS इन्वेस्टमेंट, होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट, बच्चों की पढ़ाई, इंश्योरेंस प्रीमियम समेत कई तरह के खर्च इसमें शामिल हैं. 2014 में इसकी लिमिट 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख करने का फैसला लिया गया था. उससे पहले 2003 में 80सी की लिमिट को 1 लाख रुपए किया गया था. मतलब पिछले 18 सालों में इसकी लिमिट को 50 फीसदी बढ़ाया गया है. सालाना आधार पर यह करीब 2.8 फीसदी है. अगर महंगाई दर पर गौर करें तो यह औसत महंगाई दर को मैच नहीं करता है. यही वजह है कि बजट जानकारों के मुताबिक, इस बजट में इसकी लिमिट हर हाल में बढ़ाई जाएगी.
डिमांड साइड पर फोकस करने की जरूरत
दूसरी तरफ इकोनॉमी में सुधार के लिए सरकार डिमांड साइड पर फोकस करेगी. लॉकडाउन में राहत के बाद से सप्लाई साइड में काफी सुधार आया है. लेकिन डिमांड साइड की हालत खराब है. ऐसे में सरकार की कोशिश होगी कि वह ज्यादा से ज्यादा पैसा लोगों के हाथों में दे, जिससे वे खर्च कर सकें और कंजप्शन में तेजी आए.
AI, रोबोटिक्स में जीएसटी घटाने की जरूरत
RoboGenius के फाउंडर और सीईओ सुधांशु शर्मा का कहना है कि टैक्स के मोर्च पर बात करें तो GST की दर काफी ज्यादा है. कोरोना के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एजुकेशनल सेक्टर में काफी तेजी आई है. फिलहाल इस पर 18 फीसदी का जीएसटी लगता है. ऐसे में सरकार को कोडिंग, रोबोटिक्स जैसे प्रोडक्ट और सर्विस पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से घटाने की जरूरत है. जीएसटी में कटौती से यह हर वर्ग के लिए उपयुक्त होगा. रोबोटिक्स और कोडिंग बदलते वक्त की मांग है और इस सेक्टर में तेजी से आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी. साथ ही बच्चों का भविष्य बदलेगा जिससे समाज में भी बदलाव होगा.